01 फ़रवरी 2011

22 से होगी बीसीए व एमसीए की परीक्षा

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीसीए व एमसीए की परीक्षा तिथि घोषित कर दी है। यह जानकारी विवि के पीआरओ डॉ. इकबाल अहमद ने दी। उन्होंने बताया कि बीसीए व एमसीए की परीक्षा 22 फरवरी से होगी। बीसीए व एमसीए की परीक्षा के लिए फार्म भरने की तिथि 05 से 11 फरवरी तक रखा गया है। दंड शुल्क के साथ फार्म 12 से 14 फरवरी तक जमा लिया जाएगा।

21 जनवरी 2011

प्राइवेट स्कूलों में नामांकन, उम्र बनी अड़चन

नीरज कुमार, पटना । अगर आप अपने लाड़ले का नामांकन क्लास वन में कराना चाहते हैं तो उसकी आयु एक बार ध्यान से जरूर देख लीजिए। शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों के क्लास वन में नामांकन की उम्र सीमा अब छह वर्ष कर दी गयी है। नया कानून अभिभावकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। पूर्व के नियमानुसार कक्षा वन में नामांकन के लिए बच्चों की उम्र पांच वर्ष निर्धारित की गयी थी लेकिन इस वर्ष यह बदल जायेगा।

क्लास वन के लिए बच्चों की उम्र में एक वर्ष की वृद्धि अभिभावकों के लिए किसी आफत से कम नहीं है। बोरिंग कैनाल रोड निवासी मुकेश कुमार ने राजधानी के एक प्रतिष्ठित प्ले स्कूल में अपने बच्चों का नामांकन दो वर्ष पहले कराया था। इस वर्ष वे अपने बच्चे का नामांकन सीबीएसई से मान्यता प्राप्त किसी विद्यालय में कराना चाहते हैं लेकिन जब उन्होंने विद्यालयों का दौरा किया तो उनका माथा ठनका। कारण विद्यालयों के सूचना पट पर चिपकी यह सूचना कि छह वर्ष से कम उम्र के बच्चे का क्लास वन में नामांकन नहीं हो सकता। अब श्री कुमार परेशान हैं उनकी समस्या न तो विद्यालय के प्राचार्य सुन रहे हैं न ही सरकार। पूर्व में जिस विद्यालय में उन्होंने नामांकन कराया था, उसके अनुसार उनके बच्चे की उम्र इस साल पांच वर्ष सात माह हो रही है। अब उन्हेंसमझ नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें। जिस प्ले स्कूल में अब तक पढ़ा रहे थे, उससे इस वर्ष बच्चा निकल जायेगा और सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालय में नामांकन भी नहीं हो पायेगा तो बच्चा कहां जायेगा? इस तरह की परेशानी मात्र मुकेश कुमार या संदीप पंडित की नहीं है बल्कि झा जी की भी नींद हराम है। शिक्षा का अधिकार कानून राजधानी के हजारों अभिभावकों के लिए एक आफत बन गया है। बच्चों की माताएं तो समस्या के लिए सरकार को दोषी ठहरा रहीं हैं। उनका कहना है कि सरकार ही बताये कि मेरे बच्चे का नामांकन कहां होगा।

वहीं दूसरी ओर निजी विद्यालयों के प्राचार्यो का कहना है कि शिक्षा का अधिकार कानून हर हालत में लागू किया जायेगा। खासकर उम्र की सीमा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है।