29 अक्तूबर 2010

बिना स्कूल गए आप ले सकते हैं 12 वीं की डिग्री

भागलपुर : अगर आपने आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी है और आप 12वीं करना चाहते हैं तो बिना स्कूल गए भी आप अपनी पढ़ाई चालू रख सकते हैं। नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ ओपेन स्कूल के तहत यह संभव है।

वैसे तो पढ़ाई की यह व्यवस्था 20 वषरें से चालू है। लेकिन बहुत लोगों को इसका पता नहीं है। शिक्षा की इस व्यवस्था को लोकप्रिय बनाने के लिए टीएनबी कालेजिएट स्कूल प्रशासन ने पहल की है। आठवीं के बाद बिना स्कूल आए भी नौवीं से पढ़ाई की चाहत रखने वालों के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया है। ऑन लाइन नामांकन लेकर आप नौवीं से अपनी पढ़ाई चालू कर सकते हैं। नामांकन के लिए आप को कहीं जाने की जरूरत नहीं है। साथ ही घर बैठे सारी किताबें उपलब्ध हो जाएंगी। इंटरनेट पर लॉग ऑन कर आप नामांकन ले सकते हैं। टीएनबी कालेजिएट के प्राचार्य डॉ. राधेश्याम राय ने बताया कि इस दूरस्थ शिक्षा को लोग भुल चुके थे। इसके लिए उन्होंने जागरूकता अभियान चलाया है। नौवीं में नामांकन लेने पर एक हजार का खर्च आता है। इसमें से पांच सौ रुपए की पुस्तकें मुहैया कराई जाएगी। एनआईओएस के नाम से मानव संसाधन विभाग भारत सरकार की इस शिक्षा व्यवस्था से 12 वीं तक की डिग्री आसानी से ली जा सकती है। प्राचार्य डॉ. राय ने बताया कि इस बार उन्होंने क्षेत्रीय निदेशक से बात कर इसे विकसित करने का प्रयास किया है। परिणामस्वरूप अब तक 20 छात्रों ने दसवीं की पढ़ाई फिर से शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि यह शिक्षा वैसे छात्रों के लिए काफी फायदेमंद है जो स्कूल नहीं आ सकते है,ं लेकिन पढ़ाई को इच्छुक हैं। भागलपुर जिले के दस स्कूलों को इसका परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। इसमें होली फैमिली स्कूल, माउंट असीसि, सरस्वती विद्या मंदिर चंपानगर, मारवाड़ी पाठशाला, राजकीय बालिका इंटर स्कूल, जिला स्कूल, मोक्षदा बालिका इंटर स्कूल, जगदीशपुर व इंटर स्कूल नवगछिया शामिल है। प्रथम ऑन लाइन प्रवेश की तिथि एक मार्च से 31 अगस्त व दूसरी एक सितंबर से 28 फरवरी है। इसकी परीक्षा साल में दो बार अप्रैल- मई व अक्टूबर-नवंबर में आयोजित की जाती है।

बायोटेक छात्र भी बन सकेंगे डॉक्टर

मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली । अब डॉक्टर बनने के लिए जीव विज्ञान (बायोलॉजी) की पढ़ाई अनिवार्य नहीं रह जाएगी। एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए पहली बार जैव प्रौद्योगिकी (बायो टेक्नोलॉजी) विषय को भी उपयुक्त मान लिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के मुताबिक इससे 11वीं में बायोटेक विषय लेने वाले मौजूदा छात्रों को तो फायदा होगा ही, एक अहम विकल्प उपलब्ध होने से इस विषय में छात्रों का रुझान भी बढ़ेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक उच्चतर माध्यमिक स्तर पर अब बायोटेक की पढ़ाई करने
वाले छात्रों को भी एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) के पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए योग्य माना जाएगा। हालांकि दाखिले के लिए अन्य सभी योग्यताएं पूर्ववत रहेंगी। इसके लिए बहुत जल्दी ही एमसीआइ की ओर से अधिसूचना जारी होने वाली है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव (मानव संसाधन) देबाशीष पांडा के दस्तखत के साथ ही एमसीआइ की इस अधिसूचना को अंतिम मंजूरी भी मिल गई है। अब तक एमसीआइ के दिशानिर्देश के मुताबिक उच्चतर माध्यमिक स्तर पर भौतिकी, रसायनशास्त्र के साथ जीव विज्ञान की पढ़ाई करने वाले छात्रों को ही एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिले के योग्य माना जाता था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस फैसले से पहले सीबीएसई और दूसरे उच्चतर माध्यमिक बोर्ड व मेडिकल कॉलेजों की भी राय ली थी। सीबीएसई के अध्यक्ष विनीत जोशी ने दैनिक जागरण से बातचीत में इस कदम को छात्र, डॉक्टरी के पेशे और मेडिकल कॉलेजों, सभी के लिए फायदेमंद बताया है। जोशी के मुताबिक, बायोटेक पाठ्यक्रम जब सीबीएसई में शुरू हुआ था, उस समय छात्रों ने इसमें काफी दिलचस्पी दिखाई थी। लेकिन, उन्हें ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) में नहीं बैठने दिए जाने की वजह से इस विषय की मांग घटती गई।

23 अक्तूबर 2010

हर छात्र का भी होगा विशिष्ट पहचान नंबर

राजकेश्वर सिंह, नई दिल्ली । छात्र चाहे किसी प्राइमरी कक्षा का हो या फिर उच्च शिक्षा में किसी भी स्तर की पढ़ाई कर रहा हो, सबकी एक विशिष्ट पहचान होगी। इसके लिए छात्रों को एक विशिष्ट पहचान (यूनीक आईडी) नंबर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, पढ़ाई के दौरान एक से दूसरे शिक्षण संस्थान में दाखिला लेने या फिर पढ़ाई छोड़ने पर उनकी पढ़ाई का लेखा-जोखा रखने के लिए उनकी मार्कशीट व सर्टिफिकेट पर भी यूनीक आईडी नंबर दर्ज होगा। सूत्रों के मुताबिक विशिष्ट पहचान नंबर दिए जाने में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को कई फायदे नजर आ रहे हैं। हर छात्र के पास विशिष्ट पहचान नंबर होने से पूरी पढ़ाई के दौरान उसकी एक अलग पहचान तो होगी ही, साथ ही जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी देश में कुल छात्रों का पूरा लेखा-जोखा रखा जा सकेगा। मार्कशीट, सर्टिफिकेट और स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र में भी विशिष्ट पहचान नंबर दर्ज होने से छात्र के बारे में कभी भी कोई जानकारी हासिल की जा सकेगी।

22 अक्तूबर 2010

छात्रों की समस्याएं सुनने का निर्देश

भागलपुर । तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केएन दुबे ने शुक्रवार को एक नया आदेश जारी किया। इस आदेश में उन्होंने सभी कॉलेज के प्राचार्यो, सभी विभाग के अध्यक्षों व कोर्स समन्वयकों को कहा है कि वे अपने स्तर से छात्रों की समस्याओं का निराकरण करें। समस्या का निदान नहीं होने व विवि स्तर से इसका निदान होने के स्थिति में प्राचार्य, कोर्स समन्वयकों व विभागाध्यक्ष स्वयं विश्वविद्यालय आकर उनसे मिलकर समस्याओं को रखें। सीधे तौर पर छात्रों को विश्वविद्यालय नहीं भेजे।

अपने नये आदेश में कुलपति डॉ. दुबे ने कालेज, विभाग के शिक्षकों को भी सीधे तौर पर मिलने पर रोक लगा दी है। अपने आदेश में उन्होंने कहा है कि वे अपने प्राचार्य, विभागाध्यक्ष के जरिये ही अपनी समस्याओं को रखें। कुलपति ने कहा विवि का कार्य ही छात्र हित को ध्यान में रखना है। वे छात्र हित को सर्वेपरि मानते हैं। इसलिए जो भी कार्य वे करते हैं छात्र हित में ही करते हैं। शुक्रवार को यह जानकारी विवि के पीआरओ डॉ. इकबाल अहमद ने दी।

विदित हो कि कई कॉलेज व विभागों के छात्र समस्याओं को लेकर सीधे विवि. चले आते हैं और यहां आकर हंगामा करते हैं। सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में हुए हो हंगामे के बारे में कुलपति को जानकारी मिली थी कि कुछेक शिक्षक ही हंगामे का बढ़ावा दे रह हैं। इसलिए उन्होंने यह आदेश जारी किया है।

अब 11वीं से करें मीडिया की पढ़ाई

नई दिल्ली। अगले सत्र से सीबीएसई के सभी स्कूलों में मीडिया कोर्स की पढ़ाई शुरू की जा रही है। 11वीं के छात्र मुख्य विषय के साथ वैकल्पिक विषय के रूप में मीडिया स्टडीज का कोर्स कर सकेंगे। सीबीएसई के मीडिया स्टडीज कोर्स को एनसीईआरटी ने तैयार किया है। इसके लिए पांच लेखकों की मदद ली गई है। इन्हीं में शामिल प्रो. सीपी सिंह ने बताया कि एनसीईआरटी के विशेषज्ञों ने चार महीनों तक स्कूलों के शिक्षकों से मीडिया स्टडीज कोर्स पर फीड बैक लेने के बाद इसे अंतिम रूप दिया है।

05 अक्तूबर 2010

गंगा पार भी होगी कानून की पढ़ाई

कानून की शिक्षा अब गंगा और कोसी के कछार में रहने वाले हर लोगों के लिए नवगछिया में सुलभ हो रही है। जहां कटिहार से लेकर खगडि़या तक तथा गंगा किनारे से लेकर कोसी पार तक के लोगों के लिए यह शिक्षा अब काफी आसान हो जायेगी। नवगछिया शहर के बीच शोभा देवी सर्राफ विधि महाविद्यालय की स्थापना हो चुकी है। जहां सत्र 2010-11 के लिए नामांकन कार्य प्रारंभ कर दिया गया। इस विधि महाविद्यालय में तीन साल तथा पांच साल के लिए डिग्री कोर्स की पढ़ाई होगी।