भारती शिक्षा समिति भागलपुर के तत्वावधान में रविवार को तीन दिवसीय प्रांतीय विज्ञान मेला आंनदराम ढांढनियॉँ सरस्वती विद्या मंदिर में शुरू हो गया। मेला का का उद्घाटन तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कृष्णानंद दुबे ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि वेद और विज्ञान को एक साथ जोड़ कर शिक्षा देने का काम भारती शिक्षा समिति कर रही है। यह समिति धन्यवाद का पात्र है। उन्होंने कहा कि आज बच्चे जिस सुविधा के साथ शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं ये बच्चों की खुशनसीबी है। क्योंकि पहले शिक्षा ग्रहण करने के लिए इतने साधन नहीं हुआ करते थे। इसका लाभ बच्चों को जरूर उठाना चाहिए।
इस मौके पर संभाग निरीक्षक दिलीप झा ने कहा कि भारती शिक्षा समिति संपूर्ण विश्व का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन है। किसी भी दूसरे संगठन के इतने विद्यालय पूरे देश में नहीं चल रहे हैं। अब तो मारीशस एवं नेपाल में भी यह संगठन शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा संगठन का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा का मॉडल खड़ा करना नहीं है। बल्कि संस्कार के साथ समाजिक चेतना को जगाने का कार्य भी संगठन द्वारा शिक्षा के जरिये किया जाता है। संभाग निरीक्षक श्री झा ने कहा कि संगठन का उद्देश्य ऐसी शिक्षा का दीप जलाना है, जिसमें बच्चों का सर्वागीण विकास हो। बच्चों को राष्ट्रीय चेतना, देशभक्ति एवं नैतिकता की भी शिक्षा दी जाती है। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता छेदी लाल चौबे ने एवं आभार व्यक्त लीलाधर झा ने किया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक राणा प्रताप, कुलपति के सचिव डॉ. मथुरा दुबे सहित विद्या भारती के विभिन्न स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाएं व छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं। प्रांतीय विज्ञान मेला में 17 जिले के 106 विद्यालयों के 500 बच्चों ने भाग लिया है। कुलपति डॉ. दुबे ने मेले में लगाई गई प्रदर्शनी को भी देखा एवं बच्चों से पर्यावरण संरक्षण आदि मुद्दो पर बातचीत की।